Ghazal mai najar se pi raha hu lyrics
मैं नज़र से पी रहा हूँ ये समाँ बदल न जाए
न झुकाओ तुम निगाहें कहीं रात ढल न जाए
मेरे अश्क भी हैं इसमें ये शराब उबल न जाए
मेरा जाम छूने वाले तेरा हाथ जल न जाए
अभी रात कुछ है बाक़ी न उठा नक़ाब साक़ी
तेरा रिंद गिरते गिरते कहीं फिर सँभल न जाए
मेरी ज़िंदगी के मालिक मेरे दिल पे हाथ रखना
तेरे आने की ख़ुशी में मेरा दम निकल न जाए
मुझे फूँकने से पहले मेरादिल निकाल लेना
ये किसी की है अमानत मेरे साथ जल न जाए
**Lbmusicentertainment**
2 Comments
very nice,maja aa gays
ReplyDeleteGood
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