आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया !!
आजु मिथिला नगरिया निहाल सखिया ,
अरे रे रे निहाल सखिया
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया....।।
माथे मणे मौरिया, कुण्डल सोहे कनवा
कारी कारी कजरारी जुल्मी नयनवा
लाल चंदन सोहे , इनके भाल सखिया
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया....।।
सावर-सावर ,गोर-गोर ,जोड़िया जहान रे
अंखियों ना देखनी ह , सुननी ह कान हे
जुग जुग जोड़ी जिये, बेमिसाल सखियाँ
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया....।।
गगन मगन आजु , मगन धरतीया
देखी देखी दूल्हा जी , के सावरी सुरतिया
बाल बृध , नर नारी , सब बेहाल सखियाँ
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया....।।
जेकरा लागी जोगि मुनी जप तप कईले
सेही हमरा मिथिला का मेहमान भईले
आजु , लोढा से सेकाई इनकार गाल सखिया
चारों दूल्हा में बड़का कमाल सखिया....।।
-LbMusicEntertainment-
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