दो मां से था एक ललन , वो भी आधा-आधा हैं
जन्मा तो आधा-आधा था, मरा तो आधा-आधा हैं
एक मुनि ने फल दीना , मुनिवर ने जब फल दीना
की बोले राजन जाओ .....
सूत होगा रानी के गर्भ से , जाके इसे खिलाओ
मगर ......
रानी थी दो फल एक था , तो खाया आधा-आधा हैं
जन्मा तो आधा-आधा था, मरा तो आधा-आधा हैं ....
हुआ गर्भ दोनों रानी को, दोनों ने जब जाया
एक हाथ था एक पैर था , आधी उनकी काया
दोनों आपन.. दोनों आपन, आधा था तन
और सर भी आधा-आधा हैं
जन्मा तो आधा-आधा था, मरा तो आधा-आधा हैं .....
आधा-आधा अंग समझ कर दोनों ने फेकवाया
जोड़ा बदन.... जोड़ा बदन , दिना जीवन
जो बदन आधा-आधा हैं ......
जन्मा तो आधा-आधा था, मरा तो आधा-आधा हैं ....
जरासंध नाम था उसका वो राजा बलीखारी
और भीम सेन से लड़ने की थी जिसकी तैयारी
की भीम ने टांगें पकड़ चीरा उसे , हुआ तन आधा-आधा हैं
जन्मा तो आधा-आधा था, मरा तो आधा-आधा हैं ....
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