नाम हैं तेरा तारण हारा ,
कब तेरा दर्शन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर ,
वो कितना सुन्दर होगा
तुमने तारे लाखों प्राणी
ये सन्तो की वाणी हैं
तेरी छबि पर मेरे भगवन
ये दुनिया दीवानी हैं
ये दुनिया दीवानी हैं ....
भाव से तेरी पूजा रचाऊ ,
जीवन में मंगल होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर
वो कितना सुन्दर होगा
सुरबर मुनीवर जिनके चरण में
निशदीन शीश झुकाते हैं
जो गाते हैं प्रभु की महिमा
वो सब कुछ पा जाते हैं
वो सब कुछ पा जाते हैं
अपने कष्ट मिटाने को तेरे
चरणों का वंदन होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर
वो कितना सुन्दर होगा .....
मन की मुरादे लेकर स्वामी
तेरे चरण में आए हैं
हम हैं बालक तेरे चरण में
तेरे ही गुण गाते हैं
तेरे ही गुण गाते हैं
भव से पार उतरने को तेरे
गीतों का संगम होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर
वो कितना सुन्दर होगा ....
ऐसी दया कर देना दाता
निश्छल गुजरे ये जीवन
रंग लगे नहीं कपट झूठ का
हों पावन मेरा तन मन
हों पावन मेरा तन मन
सेवा में तेरी वो स्वामी
भक्ती भाव अर्पण होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर
वो कितना सुन्दर होगा ....
सद्कर्मों की करते रहें हम
सच की राह दिखा देना
विचलित यदि मन हों जाएं तो
पाप से हमें बचा लेना
पाप हमे बचा लेना
अन्त समय जब आए तो प्रभु
दाग मुक्त दर्पण होगा
जिनकी प्रतिमा इतनी सुन्दर
वो कितना सुन्दर होगा .....
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