वो कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान
मैं हूं तेरी, प्रेम दीवानी मुझको तू पहुचान ,
मधुर सुना दो तान ....
वो कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान ....
हों.. जब से तुम संग मैंने अपने नैना जोड़ लिए हैं
क्या मईया क्या बाबुल सबसे रिश्ते तोड़ लिए हैं
तेरे मिलन को व्याकुल हैं, कबसे मेरे प्राण
मधुर सुना दो तान ...
वो कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान ....
हों.. सागर से भी गहरे , मेरे प्रेम की गहराई
लोक-लाज कुल की मर्यादा , तज कर मै तो आई
मेरे प्रीत से वो निर्मोही , अब ना बनो अंजान
मधुर सुना दो तान .....
वो कान्हा अब तो मुरली की मधुर सुना दो तान ....
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