कितनी चाहत छुपाए बैठा हूं
ये ना सोचो की मुझको प्यार नहीं
तुम जो आए हों मेरी दुनिया में
अब किसी का भी इंतज़ार नहीं
सारी दुनिया भुलाए बैठा हूं
ये ना सोचो की मुझको प्यार नहीं
कितनी चाहत छुपाए बैठा हूं
ये ना सोचो कि मुझको प्यार नहीं .....
शोख धड़कन की जवानी तुम हों
अब तो सासो की रवानी तुम हों
जो लिखीं हैं मेरे ख्यालों ने
खूबसूरत वो कहानी तुम हों
मैं सपने सजाए बैठा हूं ..2
ये ना कहना की बेकरार नहीं
तुम जो आए हों मेरी दुनिया में
अब किसी का भी इंतज़ार नहीं
सारी दुनिया भुलाए बैठा हूं
ये ना सोचो कि मुझको प्यार नहीं .....
चांद तारों की सुहानी राते
कैसे भूलूंगी वो मुलाकाते
कितनी दिलकश हैं कितनी प्यारी हैं
याद आती हैं तुम्हारी बातें
दिल की शम्मा जलाए बैठा हूं ... 2
अब खुद पे ही इख्तियार नहीं
तुम जो आए हों मेरी दुनिया में
अब किसी का भी इंतज़ार नहीं
सारी दुनिया भुलाए बैठा हूं
ये ना सोचो कि मुझको प्यार नहीं .....
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