मोहन से दिल क्यू लगाया है
ये मै जानू या वो जानें
छलिया से दिल क्यूं लगाया है
ये मै जानू या वो जानें
हर बात निराली हैं उसकी
हर बात में हैं एक टेडापन
हर बात में हैं एक टेडापन
टेडे पे दिल क्यूं आया हैं
ये मैं जानू या वो जानें
मोहन से दिल क्यूं लगाया है
ये मै जानू या वो जानें .....
जीतना दिल ने तुझे याद किया
उतना जग ने बदनाम किया
बदनामी का फल क्या पाया हैं
बदनामी का फल क्या पाया है
ये मै जानू या वो जानें
मोहन से दिल क्यूं लगाया है
ये मै जानू या वो जानें .....
तेरे प्यार ने दिल दिवाना किया
मुझे इस जग से बेगाना किया
मैंने क्या खोया क्या पाया हैं
मैंने क्या खोया क्या पाया हैं
ये मैं जानू या वो जानें
मोहन से दिल क्यूं लगाया है
ये मैं जानू या वो जानें .....
मिलता भी वो मिलता भी नही
नजरों से मेरी हटता भी नहीं
ये कैसा जादू चलाया हैं
ये कैसा जादू चलाया हैं
ये मैं जानू या वो जानें ....
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