तुमने बदले हमसे गिन गिन के लिए
क्या तुम्हें चाहा था इस दिन के लिए
वस्ल का दिन ....
और इतना मुख्तसर ..
दिन गिने जाते थे इस दिन के लिए ..
चाहने वालों से गर मतलब नहीं
आप फ़िर ....
आप फ़िर पैदा हुए किनके लिए ..
बागबा कालिया हों हल्के रंग की
भेजनी हैं एक कमसिन के लिए
तुमने बदले हमसे गिन गिन के लिए
क्या तुम्हें चाहा इस दिन के लिए ..
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