वो होठ जो मैने चूमे थे
सौ झूठ उन्हीं से बोलेगी
तुझे देख तो लगता नहीं
तू और किसी की हो लेगी
तू धोखा हैं ये सब ने कहा
तू धोखा हैं ये सब ने कहा
पर मैने ही इनकार किया
ये दर्द मुझे मिलना ही था
मैंने बेवफ़ा से प्यार किया
मैंने बेवफ़ा से प्यार किया ....
ऐसा कोई साल बीता ना कोई महीना
दिल जब जुदाई वाली आरिया चली ना
आया नहीं मुझे कभी तेरे बिन एक पल जीना
एक बार नही करना था जो
हां इक बार नहीं करना था जो
वो जुर्मे बफा सौ बार किया
ये दर्द मुझे मिलना ही था
मैंने बेवफ़ा से प्यार किया....
हाय कितने प्यारे थे वो इश्क के इरादे
बाट ले अश्क सारे हम दोनो आधे आधे
तुहि बता कहा गए तेरे सब कसमें वादे
जो टूट चुकी थीं टुकड़ों में
जो टूट चुकी थीं टुकड़ों में
उस नाव पे दरिया पार किया
ये दर्द मुझे मिलना ही था
मैंने बेवफ़ा से प्यार किया ....
0 Comments