ये दुनिया काफ़ी कुछ समझा और सिखा रही है / This world is explaining and teaching a lot

Photo/image - self 


 *एक फोटोग्राफ़र ने दुकान के बाहर बोर्ड लगा रखा था।*

*20 रु. में - आप जैसे हैं, वैसा ही फोटो खिंचवाएँ।*

   *30 रु.में - आप जैसा सोचते हैं, वैसा फोटो खिंचवाएँ।*

  *50 रु. में - आप जैसा लोगों को दिखाना चाहें, 

 वैसा फोटो खिंचवाएँ।*


*बाद में उस फोटोग्राफर ने  अपने संस्मरण में लिखा,*

 

*मैंने जीवनभर फोटो खींचे, लेकिन किसी ने भी 

20 रु.वाला फोटो नहीं खिंचवाया, सभी ने 50 रु.

 वाले ही खिंचवाए....*

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*दोस्तों बस कुछ ऐसी ही हक़ीक़त है- ज़िंदगी की...*


*हम  हमेशा दिखावे के लिए ही जीते रहे है,* 

*हमने कभी अपनी वो 20 रुपये वाली जिंदगी जी ही नही!!!*


*ये दुनिया भी कितनी निराली है!*


*जिसकी आँखों में नींद है …. 

उसके पास अच्छा बिस्तर नहीं..*

*जिसके पास अच्छा बिस्तर है..* 

*उसकी आँखों में नींद नहीं …*


*जिसके मन में दया है ….*

*उसके पास किसी को देने के लिए धन नहीं ….* 

*और जिसके पास धन है उसके मन में दया नहीं …*


*जिन्हें कद्र है रिश्तों की …* 

*उन से कोई रिश्ता रखना नही चाहता....* 

*जिनसे रिश्ता रखना चाहते हैं …*.

*उन्हें  रिश्तों की कद्र नहीं ...* 


*जिसको भूख है उसके पास खाने के लिए भोजन नहीं….*

 *और जिसके पास खाने के लिए भोजन है ……*

*उसको भूख नहीं…*


*कोई अपनों के लिए…. रोटी छोड़ देता है…*

*तो कोई रोटी के लिए….. अपनों को….*


            


*ये दुनिया काफ़ी कुछ समझा और सिखा रही है* 

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