दुखों से जो ठोकर खाई ना होती
तुम्हारी प्रभु याद आई ना होती
दुखों से जो ठोकर खाई ना होती
तुम्हारी प्रभु याद आई ना होती....
कभी जिंदगी में ये आंखें ना खुलती
कभी जिंदगी में ये आंखें ना खुलती,,,,
अगर रौशनी तुमसे आई ना होती
दुखों से जो ठोकर खाई ना होती
तुम्हारी प्रभु याद आई ना होती....
जगाते ना यदि तुम निज ज्ञान द्वारा
जगाते ना यदि तुम निज ज्ञान द्वारा,,,,
कभी हमसे कोई भलाई ना होती
दुखों से जो ठोकर खाई ना होती
तुम्हारी प्रभु याद आई ना होती....
कभी भी हमें चैन मिलती ना जग में
कभी भी हमें चैन मिलती ना जग में,,,,
तुम्हीं ने जो चिन्ता मिटाई ना होती
दुखों से जो ठोकर खाई ना होती
तुम्हारी प्रभु याद आई ना होती....
बनी तुमसे लाखों की ये हम मानते क्यों
बनी तुमसे लाखों की ये हम मानते क्यों,,,
हमारी जो बिगड़ी बनाई ना होती
दुखों से जो ठोकर खाई ना होती
तुम्हारी प्रभु याद आई ना होती....
पथिक से पतित की भला कौन सुनता
पथिक से पतित की भला कौन सुनता,,,
तुम्हारी यहां जो सुनाई ना होती
दुखों से जो ठोकर खाई ना होती
तुम्हारी प्रभु याद आई ना होती....
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