आ भी जाओ कि ज़िंदगी कम हैं
तुम नहीं हो तो हर खुशी कम हैं
आ भी जाओ कि ज़िंदगी कम है....
वादा करके ये कौन आया नहीं
शहर में आज रौशनी कम हैं
तुम नहीं हो तो हर खुशी कम हैं
आ भी जाओ कि ज़िंदगी कम है...
जाने क्या हो गया है मौसम को
धूप ज्यादा हैं चाँदनी कम हैं
तुम नहीं हो तो हर खुशी कम हैं
आ भी जाओ कि ज़िंदगी कम है....
आईना देखकर ख़्याल आया
आज कल उनकी दोस्ती कम हैं
तुम नहीं हो तो हर खुशी कम हैं
आ भी जाओ कि ज़िंदगी कम है....
तेरे दम से ही मैं मुक्कमल हुं
बिन तेरे तेरी यामिनी कम हैं
तुम नहीं हो तो हर खुशी कम हैं
आ भी जाओ कि ज़िंदगी कम है....
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