है धन्य तेरी माया जग में वो दुनिया के रखवाले
शिव शंकर डमरू वाले,
शिव शंकर भोले भाले....
जो ध्यान तेरा धर ले मन में वो जग से मुक्ति पाए
भोले भोले भोले भोले
भव सागर से उसकी नइया तू पल में पार लगाए
बाबा पल में पार लगाए
संकट में भक्तों को बढ़कर तू भोला आप संभाले
शिव शंकर डमरू वाले है.....
हैं कोई नहीं इस दुनिया में तेरे जैसा वरदानी
भोले भोले भोले भोले
नित सुमिरन करते नाम तेरा सब संत ऋषि और ज्ञानी
बाबा संत ऋषि और ज्ञानी
ना जाने किस पर खुश होकर तू क्या से क्या कर डाले
शिव शंकर डमरू वाले......
त्रिलोक के स्वामी होकर भी, क्या औघड़ रूप बनाए
भोले भोले भोले भोले
कर में डमरू त्रिशूल लिए और नाग गले लिपटाये
बाबा नाग गले लिपटाये
तुम त्याग से अमृत पीते हो, नित प्रेम से विष के प्याले
शिव शंकर डमरू वाले.....
तप खंडित करने कामदेव जब, इंद्रलोक से आया
भोले भोले भोले भोले
और साध के अपना काम बाण, तुम पर वो मूरख चलाया
बाबा तुम पर बाण चलाया
तब खोल तीसरा नयन भस्म उसको पल में कर डाले
शिव शंकर डमरू वाले.....
जब चली कालिका क्रोधित हो खप्पर और खड़ग उठाए
भोले भोले भोले भोले
तब हाहाकार मचा जग में सब सुर और नर घबराये
बाबा सुर और नर घबराये
तुम बीच डगर में सोकर शक्ति देवी की हर डालें
शिव शंकर डमरू वाले.....
अब दृष्टि दया की भक्तों पर हे डमरू धर कर देना
"शर्मा"और "लक्खा" की झोली गौरी शंकर भर देना
भोले भोले भोले भोले
अपना ही सेवक जान हमें भी चरणों में अपना ले
शिव शंकर डमरू वाले.....
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