तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो ,क्या गम है जिसको छुपा रहे..।।
आँखो में नमी हसी लबों पर ,क्या हाल है क्या दिखा रहें हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो .....।।
बन जाएँगे जहर पीते-पीते , ये अश्क जो पियें जा रहें हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो .....।।
जिन जख्मो को वक़्त भर चला हैं , तुम क्यूँ उन्हें छेड़ें जा रहें हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो .....।।
रेखाओं का खेल है मुक़द्दर , रेखाओं से मात खा रहें हो
क्या गम है जिसको छुपा रहे
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो .....।।
-LbMusicEntertainment-
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