कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी भजन लिरिक्स - kripa Ki Na Hoti Jo Aadat Tumhari Bhajan lyrics

कृपा की ना होती जो आदत तू तुम्हारी 

तो सुनी ही रहती अदालत तुम्हारी

कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी....


जो दिनों के दिल में जगह तुम ना पाते

जो दिनों के दिल में जगह तुम ना पाते..

तो किस दिल में होती हिफाज़त तुम्हारी 

कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी

तो सुनी ही रहती अदालत तुम्हारी

कृपा की ना होती.....


गरीबों की दुनियां हैं आबाद तुमसे

गरीबों की दुनियां हैं आबाद तुमसे 

गरीबों से हैं बादशाहत तुम्हारी 

कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी

तो सुनी ही रहती अदालत तुम्हारी

कृपा की ना होती.....


ना मुल्जिम ही होते ना तुम होते हकीम

ना मुल्जिम ही होते ना तुम होते हकीम 

ना घर घर में होती ईबादत तुम्हारी

कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी

तो सुनी ही रहती अदालत तुम्हारी

कृपा की ना होती.....


तुम्हारे ही उल्फत के दृग बिन्दु हैं यह

तुम्हारे ही उल्फत के दृग बिन्दु हैं यह

तुम्हें सौंपते हैं अमानत तुम्हारी

कृपा की ना होती जो आदत तुम्हारी

तो सुनी ही रहती अदालत तुम्हारी

कृपा की ना होती.....

LB MUSIC ENTERTAINMENT


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