साजन आयो हे सखी मैं तोड़ू मोतियन रो हार
लोग जाने में मोती चुनूं मैं तो छुक छुक करूं जुहार !
हेरी सखी मंगल गावो री,
धरती अम्बर सजाओ री,
उतरेगी आज मेरे पि की सवारी,
अरे कोई काजल लाओ रे,
मोहे काला टीका लगाओ री,
उनकी छब से दिखु मै तो प्यारी,
लक्ष्मी जी वारो ,नजर उतारो,
आज मेरे पिया घर आवेंगे।।
रंगो से रंग मिले,
नए नए ढंग खिले,
ख़ुशी आज द्वारे मेरे डाले है डेरा,
पीहू पीहू पपीहा रटे,
कुहू कुहू कोयल जपे,
आँगन आँगन है परियो ने घेरा,
अनहद नाद बजाओ रे सब-मिल,
आज मेरे पिया घर आवेंगे।।
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