पतवार पे हो रघुवर
तूफान से क्या डरना
जब काम हो रघुवर का
क्या जीना क्या मरना
रघुनाथ के भक्तों का बुलंद सितारा है
फिर कौन बिगड़ेगा जब राम सहारा है
निर्बल होकर कोई जब उन्हें पुकारा है
फिर कौन बिगड़ेगा जब राम सहारा है..
कोई राम-राम कहता
कोई शिव शिव गाता है
कोई कृष्ण राधे राधे
कोई ध्यान लगता है
येऽऽ भी हमें प्यारा, वो भी हमें प्यार हैं
फिर कौन बिगड़ेगा जब राम सहारा है..
मैंने जीवन सौंप दिया
रघुनाथ के हाथों में
मुझे मिल गया दिग ज्योति, अंधेरी रातों में
झोऽली में जो देंगे वो मुझे गवारा है
फिर कौन बिगाड़ेगा जब राम सहारा हैं..
दुख तो जीवन में आनी और जानी है
डरना ही मुसीबत से तेरी नादानी है
फणिऽ कभी दुख में हिम्मत नहीं हारा है
फिर कौन बिगड़ेगा जब राम सहारा है..

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