दो धुट पिलादे साखिया , बाकी मेरे सिर ओड़ दे !!
" मेरी इल्तजा है साखी , तू पिला नजर मिला के
मेरी प्यास बड़ गई है , तेरे अन्जुमन में आके "
आखों की सारी मस्तियाँ ........
मै में मेरे निचोड़ दे,,,,,,
दो धुट पिलादे साखिया , बाकी मेरे सिर ओड़ दे...
।। तुझे घबराकर तेरे नाम से पुकारा है ,
साकीया शराब मेरे जीने का सहारा है
दो धुट पिला हो.....दो घुट पिला दे सकिया
बाकी मेरे सिर ओड़ दे.......।।
।। ऐसी मैं पिला दे साकी होश हवास उड़ा दे......
शोलो में ढ़लने से पहले मेरी प्यास बुझा दे
पैमाना जो खाली ना हो ....वो....
पैमाना जो खाली ना हो, कोक से मुझें पिला दे
पीना हो जिसकी जिन्दगी ........
पीना वो कैसे छोड़ दे ,दो घुट पिला दे साकिया
बाकी मेरे सिर ओड़ दे ..........।।
।। जिसकी तमन्ना तू हो जिसका तू ख्वाब हो "बल्लाह बल्लाह,बल्लाह"
कैसे ना दीवाना बने, कैसे ना खराब हो "तौबा, तौबा , तौबा "
तेरे रंगी शबाब ने लूटा ,शबनमी से गुलाब ने लुटा
सकिया तेरी मस्त आखों की, छल्कि छल्कि शराब ने लूटा ....
जिसकी तमन्ना तू हो जिसका तू ख्वाब हो "बल्लाह बल्लाह,बल्लाह"
कैसे ना दीवाना बने, कैसे ना खराब हो "तौबा, तौबा , तौबा "
अपने करम का जानेमन, हो ......
अपने करम का जानेमन रुक तू इधर भी मोड़ दे
दो घुट पिला दे साकिया बाकी मेरे पे ओड़ दे .......।।
।। मेरे सारे जख्मों की बस यही दवा है साकी
जाम जरा तरसा के देना तेरी अदा है साकी
हाथ से तेरे पीने में... हो .....
हाथ से तेरे पीने में कुछ और मजा है साकी
ऐसी भी क्या है बेरुखी,,
ऐसी भी क्या है बेरुखी यू भी ना दिल को तोड़ दे ...
दो धुट पिलादे साखिया , बाकी मेरे पे ओड़ दे...
-LbMusicEntertainment-
#Ghazal,#Quwalighazal,#Lbmusicentertaiment,,
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