छोड़ दिया वो रस्ता !!
छोड़ दिया वो रास्ता , जिस रास्ते से तुम थे गुजरे
तोड़ दिया वो आइना , जिस आईने में तेरा अक्क्ष दिखे
मैं शहर में तेरे ,था गैरो सा , मुझें अपना कोई ना मिला
तेरे लम्हों से , मेरे जख्मो से , अब तो मैं दूर चला
रुख ना किया उन गलियो का , जिन गलियों में तेरी बातें हो
छोड़ दिया वो रास्ता जिस रास्ते से तुम थे गुजरे ..।।
मैं था मुसाफ़िर , राह का तेरी , तुझ तक मेरा था दायरा
मैं भी कभी था , मेहबर तेरा ,खानाबदोश में अब ठहरा,
खानाबदोश में और ठहरा......
हा छूता नहीं उन फूलों को जिन फूलों में तेरी खुशबू हो
रूठ गया उन ख्वाबों से , जिन ख्वाबों में , तेरा ख्वाब भी हो..
छोड़ दिया वो रास्ता जिस रास्ते से तुम थे गुजरे ..।।
कुछ भी न पाया ,मैंने सफर में होके सफर का ,मै रह गया
कागज का वो सीधा घर था , भीगते बारिश में मैं गया
भीगते बारिश में मैं गया.......
हा देखू नहीं उस चांदनी को ,जिसमें कि तेरी परछाई हो
दूर हूं मैं ,इन हवाओं से ,
ये हवा तुझे छू , के भी आई ना हो ......।।
-LbMusicEntertainment-
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