चमकते चांद को टूटा हुआ तारा बना डाला गज़ल लिरिक्स / Chamakte Chand Ko Tuta Huwa Tara Bana Dala Ghazal Lyrics

चमकते चांद को टूटा हुआ तारा बना डाला

मेरी आवारगी ने मुझकों आवारा बना डाला

चमकते चांद को टूटा हुआ तारा बना डाला.....


बड़ा दिलकश बड़ा रंगीन हैं ये शहर कहते है

यहां पर हैं हजारों घर घरों में लोग रहते हैं

मुझे इस शहर ने गलियों का बंजारा बना डाला

चमकते चांद को टूटा हुआ तारा बना डाला 


मैं इस दुनिया को अक्सर देख कर हैरान होता हूं

ना मुझ से बन सका छोटा सा घर दिन रात रोता हूं

खुदाया तूने कैसे ये जहां सारा बना डाला

चमकते चांद को टूटा हुआ तारा बना डाला


मेरे मालिक मेरा दिल क्यूं तड़पता है सुलगता हैं

तेरी मर्ज़ी , तेरी मर्ज़ी पे किसका जोर चलता हैं

किसी को गुल किसी को तुने अंगारा बना डाला

चमकते चांद को टूटा हुआ तारा बना डाला


यहीं आगाज़ था मेरा यहीं अंजाम होना था

मुझे बर्बाद होना था मुझे नाकाम होना था

मुझे तक़दीर ने तक़दीर का मारा बना डाला

चमकते चांद को टूटा हुआ तारा बना डाला

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1 Comments

  1. हैलो सर केसे हो आप

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