साथी हमारा कौन बनेगा
तुम ना सुनोगे तो कौन सुनेगा ....
आ गया तेरे दर पे सुनाई हों जाएं
ज़िंदगी से दुखों की बिदाई हो जाएं
एक नज़र कृपा की डालो मानूंगा एहसान
मानूंगा एहसान....
संकट हमारा कैसे टलेगा....
संकट हमारा कैसे टलेगा
तुम ना सुनोगे तो कौन सुनेगा....
पानी हैं सर के उपर मुसीबत अड़ गई है
आज हमको तुम्हारी ज़रूरत पड़ गई हैं
अपने हाथ से हाथ पकड़ लो मानूंगा एहसान
मानूंगा एहसान.....
साथ हमारे कौन चलेगा....
साथ हमारे कौन चलेगा
तुम ना सुनोगे तो कौन सुनेगा....
गिरते को क्या गिराना श्याम इतना बताओ
मज़ा तो तब आएगा उसे आकर उठाओ
अब तो बिगड़ी बात बनाओ इसमें तुम्हारी शान
इसमें तुम्हारी शान.....
बिगड़े हुए का क्या बिगड़ेगा.....
बिगड़े हुए का क्या बिगड़ेगा
तुम ना सुनोगे तो कौन सुनेगा...…
1 Comments
jai shree ram
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