अरे रामा फहरे तिरंगा गगनवां
हियाहुल साला ए हरि....
रंग हरिअर सफ़ेद केसरिया
लखी-लखी ललचे नज़रिया रामा
लखी-लखी ललचे नज़रिया रामा
अरे रामा बिचवा में चक्र सुहाला
हियाहुल साला ए हरि....
खड़ पहरू हिमालय मोरे
तीन ओरिया सागर हिलकोरे रामा
हो तीन ओरिया सागर हिलकोरे रामा
की अरे रामा कश्मीर जग से निराला
हियाहुल साला ये हरि.....
सुर तुलसी कबीर के वाणी
रानी झांसी के अमर कहानी रामा
रानी झांसी के अमर कहानी रामा
की अरे रामा विरन के गुनवा गवाला
हियाहुल साला ये हरि.....
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