सीता राम जी की प्यारी राजधानी लागे
राजधानी लागे, मोहे मिठो मिठो
सरयू जी रो पानी लागे....
धन्य कौशल्या धन्य कैकेई
धन्य सुमित्रा मईया, धन्य सुमित्रा मईया
धन्य भूप दशरथ जी के आंगन
खेलत चारों भईया
मिठी तोतली रसीली प्रभु की, वाणी लागे
प्रभु की वाणी लागे
मोहे मिठो मिठो
सरयू जी रो पानी लागे....
छोटी छावनी रंगमहल
हनुमान गढ़ी अति सुन्दर
हनुमान गढ़ी अति सुन्दर
स्वयं जगत के मालिक बैठे
कनक भवन के अंदर
सीताराम जो की शोभा
सुखखानी लागे,
सुखखानी लागे
मोहे मिठो मिठो
सरजू जी रो पानी लागे..
सहज सुहावन जन्म भूमि
श्री रघुवर राम लाल की
श्री रघुवर राम लाल की
जानकी महल सूची सुंदर शोभा
लक्ष्मण जी कि किला की
यहां के कण कण से
प्रीत पुरानी लागे
प्रीत पुरानी लागे
मोहे मिठो मिठो
सरजू जी रो पानी लागे.....
जय सियाराम दंडवत भैया
मधुरी वाणी बोले
सब मधुरी वाणी बोले
करें कीर्तन संत मगन मन
गली गली में डोले
सीताराम नाम धुन प्यारी
मस्तानी लागे
मस्तानी लागे
मोहे मिठो मिठो
सरयू जी रो पानी लागे....
प्रभु पद प्रेम प्राप्त करके सब
पी कर श्री हरि रस को
पी कर श्री हरि रस को
जन 'राजेश' रहे नित निर्भय
फिकर कहु क्या उसको
जिसको मात-पिता रख रहा
सिया महारानी लागे
सिया महारानी लागे
मोहे मिठो मिठो
सरयू जी को पानी लागे....

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