आई गए रघुनंदन
सजवा दो द्वारा द्वारा
स्वर्ण कलश रखवा दो
बधवा दो बंधन वार....
सजी नगरिया है सारी
नाचे गावे नर नारी
खुशियां मनाओ गाओ री मंगल चार
स्वर्ण कलश रखवा दो बधवा बंधन वार..
आज लड़ियों से मड़ियों से
फुल झड़ियों से
सजा राम दरबार, शोभा अजब बनी
शोभा अजब बनी, शोभा अजब बनी
आई गए रघुनंदन....

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