सखी री बांके बिहारी से हमारी लड़ गई अखियाँ लिरिक्स भजन: Sakhi Ri Vanke Bihari Se Humari Lad Gai Akhiya lyrics

सखी री बांके बिहारी से 
हमारी लड़ गई अखियाँ 
बचाई थी बहुत मैंने 
बचाई थी बहुत मैंने 
निगोड़ी लड़ गई अखियां..

ना जाने क्या किया जादू 
कि तकती रह गई अखियां
चमकती हाय बरछी सी
 चमकती हाय बरछी सी
कलेजे गण गई अखियां....

चहुं दिशि रस भरी चितवन
मेरी आंखों में लाते हो
कहो कैसे कहां जाऊं
 कहो कैसे कहां जाऊं
कि पीछे पड़ गई अखियां....

भले इस तन से निकले प्राण
मगर ये छवि ना निकलेगी
अंधेरे मन के मंदिर में
 अंधेरे मन के मंदिर में
मणी सी जड़ गई अखियां
सखी री बांके बिहारी से
 हमारी लड़ गई अखियां....

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