सुख बरण प्रभु नारायण हे
दुःख बरण प्रभु नारायण हे
तिरलोक पति दाता सुख धाम
स्वीकार मेरे प्रणाम
स्वीकार मेरे प्रणाम..
मन वाणी में वो शक्ति कहां जो
महिमा तुम्हरी गान करे
हे अगम अगोचर अबिकारी
निर्लेप हो हर शक्ति से परे
हम और तो कुछ भी जाने ना
केवल गाते हैं पावन नाम
स्वीकार मेरे प्रणाम
स्वीकार मेरे प्रणाम..
आदि मध्य और अंत तुम्हीं
और तुम ही आत्मा अधारे हो
भक्तों के तुम प्राण प्रभु
इस जीवन के रखवारे हो
तुममे जीवे जनमे तुममें
और अंत करें तुम मे विश्राम
स्वीकार मेरे प्रणाम
स्वीकार मेरे प्रणाम..
चरण कमल का ध्यान धरु
और प्राण करें सुमिरन तेरा
दिनाश्रय दिनानाथ प्रभु
भव बंधन काटो हरि मेरा
शरणागत के श्याम हरि
हे नाथ मुझे तुम लेना थाम
स्वीकार मेरे प्रणाम
स्वीकार मेरे प्रणाम..

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