भूल जाने की कोशिश बहुत की मगर लिरिक्स ग़ज़ल: bhul jane ki koshish bahut ki magar lyrics

भूल जाने की कोशिश बहुत की मगर

याद उनकी सताए तो मैं क्या करूं 

मेरा पीने का कोई इरादा न था

वो नजर से पिलाए तो मैं क्या करूं....


गम की बिजली गिरी जल गया आशियां

हमसफर छूट गया लुट गया कारवां

अब तो जीने की कोई तमन्ना नहीं..

मौत ही घर ना आए तो मैं क्या करूं

भूल जाने की कोशिश बहुत की मगर

याद उनकी सताए तो मैं क्या करूं....


मैंने मस्जिदों में मांगी खुदा से दुआ

मैं जिसे चाहता हूं वो मुझको मिले

जो मेरा फर्ज था मैंने पूरा किया..

अब ख़ुदा भूल जाए तो मैं क्या करूं

भूल जाने की कोशिश बहुत की मगर

याद उनकी सताए तो मैं क्या करूं....


जो लिखा होगा किस्मत में होगा वही 

मुझझे दुनिया से शिकवा किसी से नहीं

रही हिम्मत ना हार मैं चला रहा....

फिर भी मंजिल ना आए तो मैं क्या करूं

भूल जाने की कोशिश बहुत की मगर

याद उनकी सताए तो मैं क्या करूं....

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