ज्ञान उजागर गुण के सागर लिरिक्स भजन: gyan ujaagar gun ke sagar lyrics

ज्ञान उजागर गुण के सागर

आज मनाऊं तुम्हें गणेश....


भ्राता कार्तिक स्वामी जिनमें

मात उमा और पिता महेश

ज्ञान उजागर गुण के सागर

आज मनाऊं तुम्हें गणेश....


सुर नर मुनि सब ध्यान धरत है

हे जग तारण शशि सुरेश

ज्ञान उजागर गुण के सागर

आज मनाऊं तुम्हें गणेश....


सुमिरन कर के हर जन-जन के

दुख भागे और कटे कलेश

ज्ञान उजागर गुण के सागर

आज मनाऊं तुम्हें गणेश....

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