मेरी रफ्तार पे सूरज की
किरण नाज़ करें
ऐसी परवाज दे मालिक की
गगन नाज़ करें
मेरी रफ्तार पे सूरज की
किरण नाज़ करें.....
वो नजर दे की करूं कद्र
हर एक मज़हब की
वो मोहब्बत दे मुझे
अमनो अमन नाज़ करें
मेरी रफ्तार पे सूरज की
किरण नाज़ करें.....
मेरी खुशबू से महक जाए
ये दुनिया मालिक
मुझको वो फूल बना
सारा चमन नाज़ करें
मेरी रफ्तार पे सूरज की
किरण नाज़ करें.....
इल्म कुछ ऐसा दे
मैं काम सबों के आऊं
हौसला ऐसा ही दे
गंग जमन नाज़ करें
मेरी रफ्तार पे सूरज की
किरण नाज़ करें.....
आधे रास्ते ना रुके
मुसाफिर के कदम
शौक मंजिल हो इतना की
थकन नाज़ करें
मेरी रफ्तार पे सूरज की
किरण नाज़ करें.....
दीप से दीप जलाए की
चमक उठे बिहार
ऐसी खूबी दे ए मालिक की
वतन नाज़ करें
मेरी रफ्तार पे सूरज की
किरण नाज़ करें.....

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